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मस्जिद

वे लोग क्यो धन्य हैं जो भारत में अल्पसंख्यक होकर जन्मे हैं ?

कुछ समय पहले उज्जैन के मदरसों ने हिंदू मंदिर द्वारा आपूर्त मध्याह्न भोजन स्वीकार करने से इन्कार कर दिया । मंदिर का प्रसाद उनके लिये हराम होता है तो मंदिर की कमाई भी हराम ही होनी चाहिये ।…

आख़िर वुजू के बिना नमाज होती कैसे है सड़क या सार्वजनिक जगह पर ?

सड़क या सार्वजनिक जगह पर नमाज से क्या भाई-चारा खंडित नहीं होता। यह भी सामजिक अध्ययन का विषय है। यह समस्या अब गंभीर होती जा रही है। तभी कह रहा हूं कि इस विषय पर सामाजिक अध्ययन की ज़रुरत है।

तुग़लक़ पागल नहीं , बहुत बुद्धिमान था पर बतौर प्रशासक अक्षम भी लेकिन आज के तुग़लक़ ?

तुग़लक मज़हब से लड़ने की तरकीब जानता था । आज लेकिन सेक्यूलरिज्म के घनघोर दौर और दंभ में भी धर्म से लड़ने का लोग हौसला नहीं रखते । सेक्यूलरिज्म के नशे में चूर , राम के अस्तित्व को जो लोग अदालत…

औरंगज़ेब ने जब मंदिर तोड़ा था तब बहुत सारे वाइरस सुबूत के तौर पर छोड़ दिए

काशी विश्वनाथ मंदिर भग्न करते समय जो सबूत छोड़े गए जैसे पुराने मंदिर की दीवार पर ही गुंबद खड़ा कर देना, नंदी की मूर्ति अक्षुण्ण रहना और ज्ञानवापी में भग्न मंदिर के अवशेष और अब वजू करने की…

उनको डर क्यों लग रहा है ?

व्यभिचारी, अत्याचारी, डकैत अकबर को इतिहास की किताबों में ग्रेट मुगल लिखा गया। 800 साल तक पढ़ाई लिखाई का एक भी केंद्र नहीं बनाने वाले, प्राचीन शिक्षा केंद्रों को जलाने वाले उन अनपढ़ ,गंवार…

अगर तुलना करनी ही है आज़म खान की तो औरंगज़ेब से ज़रूर कर सकते हैं

रामपुर की यूनिवर्सिटी आज़म खान के अवैध पैसे से ही बनी। कितने गरीब मुसलमानों की ज़मीन हड़पी है आज़म खान ने । रामपुर में तमाम दलितों का इस्लाम में धर्मांतरण करवाने का अपराधी है आज़म खान। ओवैसी…

जहांगीरपुरी हिंसा मामले में किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा: दिल्ली पुलिस आयुक्त

पॉजिटिव इंडिया:दिल्ली; दिल्ली के पुलिस आयुक्त राकेश अस्थाना ने सोमवार को कहा कि जहांगीरपुरी हिंसा के सिलसिले में अब तक दोनों समुदायों के 23 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और इसमें शामिल…

अगर वैधानिक आतंकी खोजना हो तो हमें स्वीट टेररिस्ट को क्यों देख लेना चाहिए ?

मस्जिद इमाम और मुअज्जिनों को ₹22000 मासिक मानदेय दिए जाने लगे तथा राम मंदिर की बात आने पर नानी की कही हुई बातें याद आने लगी। अमानतुल्लाह खान जैसे आतंकवादियों के लिए आप शरणगाह बन गया।

अगर हिंदुओं की सत्तर साल की उदारता को आपने कमजोरी न समझा होता तो हिंदू पुनर्जागरण का…

काशी विश्वनाथ मंदिर की भव्यता के सामने ज्ञानवापी मस्जिद की रौनक कम हो जाने के कारण नौशाद आलम बुक्का फाड़ कर क्यों रो रहे हैं ?