संविधान बचाने का कुचक्र करने वाले अचानक मनुवाद की उल्टी क्यों करने लगते हैं?
रोहित वेमुला को जबरिया दलित घोषित कर जय भीम , जय मीम का नैरेटिव सेट करते हैं। तब जब कि अंबेडकर इस्लाम को अभिशाप और वामपंथियों को बंच आफ ब्राह्मण ब्वायज कहते हुए दुत्कारते मिलते हैं। फिर भी…