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बाबा तुलसीदास

बाबा तुलसी के साहित्य का जातिवाद!

केवल बुराई देखने निकले लोग कहीं भी बुरा ढूंढ ही लेते हैं। ऐसे लोग कल भी थे, ऐसे लोग आज भी हैं, ऐसे लोग कल भी रहेंगे। पर सुनिये- दूध में नींबू पड़ जाय तो दूध को फाड़ देता है। पर उसके बाद क्या…