शूटर की कोई आइडियालॉजी नहीं होती, अतीक के मारे जाने से बहुत से पीड़ितों को सुकून मिला…
ये जय श्रीराम के नारे लगाने वाले भी किधर से भी रामभक्त नहीं लगते । इन्होंने वही किया है और बोला है जो इनके आक़ाओं ने हुक्म दिया होगा । इनकी औक़ात नहीं हैं कि लाखों की ज़िगाना पिस्तौल रख सकें…