आंबेडकर सिर्फ़ ड्राफ्ट कमेटी के चेयरमैन थे । लेकिन राजनीतिक धूर्तता और कमीनेपन ने अम्बेडकर को संविधान निर्माता घोषित कर दिया , जबकि असल निर्माता तो बाबू राजेंद्र प्रसाद ही हैं ।
तो गोदी मीडिया का तराना गाने वाले पतिव्रता टाइप टिप्पणीबाजों के लिए अंजुम रहबर के दो शेर खर्च करने का मन हो रहा है:
इल्जाम आइने पर लगाना फिजूल है
सच मान लीजिए चेहरे पर धूल है।
नक्सल इलाके में फर्जी मामले दर्ज, बदनाम हो रही है भूपेश सरकार। मोहला थाना में पदस्थ जिम्मेदार अधिकारी और कर्मचारी इस वक्त बेलगाम होकर कानूनी धाराओं को मजाक बनाते हुए आदिवासियो के जिंदगी के…
जेएसपीएल छत्तीसगढ़, ओडिशा, झारखंड एवं हरियाणा के 700 गांवों में सीएसआर के तहत अपनी सेवाएं प्रदान कर रही है।
7वें सीएसआर इंडिया समिट एवं एक्सपो में स्वास्थ्य एवं चिकित्सा व्यवस्था में…
आश्चर्य, एक अकेली लड़की को ... देश की तीन तीन राष्ट्रीय पार्टियां...पूरी महाराष्ट्र सरकार... बंबई की पूरी बीएमसी... पूरी मुंबई पुलिस.....हरा नहीं पाए....?