तारिक फ़तह से जितने लोग मुहब्बत करने वाले हैं उससे कम नफ़रत करने वाले भी नहीं हैं
सामर्थ्यवान होते हुए भी ९६ साल की उम्र तक औरंगज़ेब हज नहीं करता तो या तो उसका हज के फ़र्ज़ होने पर ईमान नहीं है या उसे ईश्वर पर भरोसा नहीं है कि वह हज करने गया तो वापस उसकी गद्दी उसे मिलेगी…