बाबा धीरेन्द्र शास्त्री तुरंत समझ गए बिहार में जातिवाद की खेती भले किसी राजनीतिक स्तर पर की जा रही हो, लेकिन इस भीड़ में किसमें सामर्थ्य है तय करने की, कौन किस जाति का है?
जब कोई धीरेंद्र शास्त्री जैसा व्यक्ति सामने आता है तो मन दुविधा में पड़ जाता है। प्रमाण की बातें छोड़कर आस्था के सामने नतमस्तक हो जाना पड़ता है। इसलिए हर बात में यदि हम प्रमाण चाहते हैं तो…