कोई धर्म नगरी,सब त्यागने जाता है,कोई धर्म नगरी,प्रभु को पाने जाता है
भागिये कभी,जेहादियों से,भाग लीजिए कभी किसी नश्वर देह के पीछे,अपना स्वर्णिम अवसर खो दीजिए,भागना ही आपकी प्रवृत्ति है,क्योंकि ये ही आपकी नियति है..
Recover your password.
A password will be e-mailed to you.