मनुष्य होना भाग्य है तो स्त्री होना सौभाग्य ! तो यह देह से आज़ाद होने की बात मुझे बेमानी लगती है। अगर यह देह न हो स्त्रियों के पास तो उन्हें अपनी विपन्नता का अंदाज़ा लग सकता है।
बिना स्त्री के, बिना स्त्री देह के किसी दुनिया की कल्पना कम से कम मैं तो नहीं कर सकता। समेत अपनी देह के स्त्री, दुनिया के इस बागीचे का सब से खूबसूरत और सुगंधित पुष्प है।