ज्ञात हो एसडीपीआई पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया का ही पॉलिटिकल विंग है। पीएफआई वहीं संस्था है जिसने शाहीन बाग में धरने कराए तथा दिल्ली में दंगों को अंजाम दिया था।
तथाकथित ह्यूमन राइट्स वाले लोग काफी भाग्यशाली है। अब इन्हे दिल्ली दंगो में शामिल दुर्दांत अपराधियों की सेवा करने का मौका मिलेगा । अब इस देश को सेक्यूलर और ह्यूमन राइट्स का काकटेल देखने को…
अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी इन सभी पार्टियों से तो एक कदम आगे निकल चुकी है। बड़े बड़े आदर्शो की बात करने वाली आप पर आज उसके पार्षद ताहिर हुसैन पर दिल्ली दंगे मे हत्या तक का केस दर्ज है…
एक व्यक्ति खुले आम पिस्तौल लहराकर डंडा पकड़े हुए पुलिस को धमकाता है और पुलिस चुपचाप मूकदर्शक बनकर अपने कर्तव्य का निर्वाह करते रहती है; इसकी गहराई से जांच होनी चाहिए। हमारा राजनैतिक सिस्टम…
जिन्ना के "डायरेक्ट एक्शन डे" ने मात्र 72 घंटों में बंगाल में 4000 लोगों की जाने ले ली थी। लाखों लोग बेघर हो गए थे और करोड़ों की संपत्तियों को लूट लिया गया था; सिर्फ इसलिए ताकि महात्मा गांधी…
अब इस देश की राजनैतिक बिसात का नाम ही शाहीन बाग हो गया है, जिसके कहर ने दिल्ली को अपने आंच मे ले लिया है । अभी तक निर्दोष बयालिस लोगो के मारे जाने के बाद भी राजनेताओं की संवेदनाये नही जगी है…