अम्बेडकर किसी भी सूरत में वामपंथियों को क्यों पसंद नहीं करते थे?
अपने स्वार्थ में वामपंथियो ने अम्बेडकर को जहरीला बना कर प्रस्तुत करने का एक अभियान जैसा चला रखा है। अम्बेडकर के हवाले से दलित समुदाय में भी जितना जहर बो सकते हैं , निरंतर बो रहे हैं ।