तथाकथित सेक्यूलर सूरमाओं तथा जनसंघ का विश्लेषण
जितने भी अपने को दलित बुद्धिजीवी मानते हैं, सब के सब हिप्पोक्रेट हैं। इन की कोई भी लड़ाई और लफ्फाजी दलितों के लिए नहीं , आरक्षण और सुविधा की मलाई चाटने के लिए ही होती है। जातीय नफ़रत और जहर की…
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