अगर खेती भी उद्योगपतियों के हाथ जाती है तो बुरा क्या है। खेती को भी किसी उद्योग की तरह लाभदायी बनाना बहुत ज़रूरी है। किसानों को आखिर कब तक भिखारी बनाए रखना चाहते हैं हमारे विपक्षी दल ? राज्य…
मोदी,योगी को जो करना है...वो तो उसे करेंगे ही...लेकिन सहिष्णुता और सेकुलरता के मारे काफिरों की नीति क्या होगी...यह सोचने वाला विषय है...क्योंकि मोदी और योगी विरोधी ताकते तो खुल कर सक्रीय हो…