www.positiveindia.net.in
Browsing Tag

गुरु

जैसे तब सब राममय था, वैसे अब भी सब राममय है।

"यह कौन सा रूप धारण कर लिया देव? मैंने पुत्र मांगा था, ईश्वर नहीं। मुझे आपको गोद में खिलाना है। आपकी किलकारियों पर मोहित होना है, आपकी चञ्चलता पर मुग्ध होना है। आपको रोते हुए देखना है, आपको…

स्त्री का शिष्यत्व श्रेष्ठतम क्यो है ?

चूंकि स्त्रियां बहुत अदभुत रूप से, गहन रूप से, श्रेष्ठतम रूप से, शिष्य बन सकती हैं, इसलिए गुरु नहीं बन सकतीं। क्योंकि शिष्य का जो गुण है, वही गुरु के लिए बाधा है।