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गीता

गीता कहती है कि संसाररूपी जो वृक्ष है, उसमें मूल ऊपर है, शाखाएँ नीचे हैं!

जैसे वृक्ष की जड़ें पाताल में होती हैं और वहाँ से वृक्ष का तना फूटकर आकाश की ओर बढ़े चला जाता है, उसके ठीक उलट, जो सर्वोच्च पद है, उस ब्रह्म से संसार की व्युत्पत्ति होती है और उसके बाद…

गीता का छठा अध्याय साधकों-मुमुक्षुओं के ​लिए बड़ा मूल्यवान है

"आत्मसंस्थं मन: कृत्वा" गीता को ब्रह्मविद्या के साथ ही योगशास्त्र भी क्यों कहा गया है- क्योंकि यह ग्रंथ न केवल परब्रह्मविषयक ज्ञान का वर्णन करता है (उप​निषदों की तरह), बल्कि उसकी प्राप्ति…

गीता के तीसरे अध्याय (कर्मयोग) में ऐसा सूत्र आया है कि उस पर आजीवन मनन किया जा सकता…

'गुणा गुणेषु वर्तन्त।' गुण ही गुणों में बरत रहे हैं। जैसे त्रिगुणात्मिका प्रकृति की कोई स्वचालित प्रक्रिया है। आपसे पृथक है। आपके बिना भी हो रही थी, आपके बिना भी होती रहेगी।

क्या वाकई में तिरंगा उतार कर भगवा लहराया गया ?

अगर आप हमें पर्सनल लॉ से डराएंगे तो हम अपना केसरिया भी बुलंद करना जानते हैं। भारत ना अब मध्यकालीन भारत है, ना ही कांग्रेसकालीन भारत है।

क्या वाकई कोरोना ईश्वरीय अवतार है?

आज कोरोना वायरस उन जानवरों के लिए, ईश्वर के अवतार से कम नहीं है । एक कोरोना ने तुम्हें तुम्हारी (स्थिति) औकात बता दी । घर में घुस के मारा है तुम्हें । और मार रहा है। जब से इस वायरस ने…

दुनिया में मानवता की भलाई के लिए भारत का आत्मनिर्भर होना जरूरी : मोदी

Positive India Delhi 12 March 2021 प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने बृहस्पतिवार को कहा कि आत्मनिर्भर भारत के मूल में सिर्फ अपने लिए धन-संपत्ति और मूल्य अर्जित करना नहीं ,बल्कि मानवता की वृहद…