तुग़लक़ पागल नहीं , बहुत बुद्धिमान था पर बतौर प्रशासक अक्षम भी लेकिन आज के तुग़लक़ ?
तुग़लक मज़हब से लड़ने की तरकीब जानता था । आज लेकिन सेक्यूलरिज्म के घनघोर दौर और दंभ में भी धर्म से लड़ने का लोग हौसला नहीं रखते । सेक्यूलरिज्म के नशे में चूर , राम के अस्तित्व को जो लोग अदालत…