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गालिब
अब मुन्तशिर का अर्थ ही अस्त व्यस्त बिखरा हुआ होता है तो क्या ही कहें , इस मूर्ख को
अब मुन्तशिर का मायने तो अस्त व्यस्त बिखरा हुआ होता है । जिसकी कोई चीज़ सलीक़े और करीने से न सजी हो गोया राहुल गांधी की दाढ़ी । तो संवाद लेखन में वही पुट झलकता है । एक तो हिंदी उर्दू समेत सभी…
बनारस के हुस्न को ग़ालिब की नज़र से क्यों देखें?
ग़ालिब कहते हैं, बनारस शंख-नवाज़ों का मंदिर है, हम हिन्दुस्तानियों का का’बा है
इबादत-ख़ाना-ए-नाक़ूसियानस्त,
हमाना काबा ए हिन्दूस्तानस्त।