फिर गली प्रेम की मुझको भाने लगी
Positive India:Rajesh Jain Rahi:
फिर गली प्रेम की मुझको भाने लगी
याद तेरी सुबह शाम आने लगी।
याद आता पलटकर तेरा देखना,
तेरी पायल पुनः गीत गाने लगी।
आज आओ प्रिये तुम पुनः बाग में
एक…
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