चंद्रशेखर आजाद का निशाना कितना अचूक था और उन्हें अपने निशाने पर कितना गजब का आत्मविश्वास था। क्योंकि जरा सी चूक से उनके माउजर से निकला अंगारा भगतसिंह या राजगुरू को ही मौत के घाट उतार सकता…
किसी को तड़पा तड़पा कर जिंदा रखने का नाम ही सेल्युलर जेल था । चलो आज शहीद पंडित रामरक्खा की शहादत के बारे मे बात की जाए । पंडित रामरक्खा सुपत्र श्री जवाहिर राम, निवास स्थान सदर होशियार पुर…