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कोलेजीयम्ं

हाई कोर्ट जजों की कथा कनक तिवारी की कलम से

सभी नौकरियों के मरुस्थल में हाई कोर्ट मरुद्यान है। पता ही नहीं चलता कौन वकील कब हाई कोर्ट का जज बना दिया जाएगा। न योग्यता निर्धारण का घोषित मापदंड होता है। न ही बौद्धिक प्रतियोगिता होती है।