www.positiveindia.net.in
Browsing Tag

कनक तिवारी

विकास और आदिवासी विनाश(1)कनक तिवारी की कलम से

आदिवासियों के सामने सबसे बड़ी चुनौती अपनी भूमियों के स्वामित्व और आधिपत्य को बचाए रखने, उसकी वैधानिक मान्यता चाहने, उसके पारम्परिक दोहन और फिर उसके माध्यम से अपनी संस्कृति, परम्पराओं,…

जिरहनामा- कहां हो, कहां नहीं हो विवेकानन्द?

विवेकानन्द ने कहा था कि धरती पर अगर कोई देश है जो खुद अपने बदले दुनिया के लिए जीने को तरजीह देता है तो केवल भारत है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत में दूसरा सबसे बड़ा धर्म इस्लाम भाईचारे का जिस…

छत्तीसगढ सरकार द्वारा स्वयं पर कुठाराघात पर कनक तिवारी का जवाब

"भूपेश बघेल के भी चुनाव क्षेत्र के गांव गांव में जाकर कांग्रेस का प्रचार किया है यह बात मै रिकॉर्ड पर लाना चाहता हूं।" कनक तिवारी

यह ऋतुराज का ग्रीष्मकाल-कनक तिवारी की कलम से

जवाहरलाल नेहरू भगतसिंह, सुखदेव और राजगुरु की फांसी से पहले इसलिए खामोश रहे कि कहीं गांधी नाराज़ न हो जाएं। फांसी के एकदम बाद उन्होंने अपनी खामोशी की दलील देते हुए एक वक्तव्य दिया। ‘‘मैं खामोश…

क्या राजद्रोह हटेगा?

Positive India: By Kanak Tiwari:राजनेता, मीडिया, विश्वविद्यालय और स्वयंभू प्रबुद्ध वर्ग देशद्रोह, राजद्रोह और राष्ट्रद्रोह शब्दों को गड्डमगड्ड कर रहे हैं। देशद्रोह और राष्ट्रद्रोह शब्द…