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कनक तिवारी

पुश्तैनी महल में ताजा हवा का झोंका-कनक तिवारी

महुआ ने अद्भुत संयम सावधानी और मुक्तिबोध के शब्दों की दृढ़.हनु की विनम्रता चेहरे पर कायम रखी। यह बताने के लिए कि विनम्रता मूल्यों को रचने में ज्यादा नायाब और स्थायी कारगर हथियार होती है।

“तुम तो मधु लिमये हो महुआ!” कनक तिवारी

महुआ मोइत्रा के भाषण में हिन्दुस्तान के अवाम की वेदना की कहानी शब्दों के साथ साथ उनकी आवाज के उतार चढ़ाव, चेहरे पर उग रहे तेवरों के झंझावातों के साथ हिलकोले खा रही थीं।

आर्टिकल 15 की फिल्मी नहीं, आईन-कथा

फिल्म आर्टिकल 15 में कई सवालों का जवाब नहीं दिया जा सकता था। आर्टिकल 15 अपनी बड़बोली भाषा के बावजूद धर्म, जाति, क्षेत्रीयता, भारतीयता, भाषा आदि के खांचों में फंसकर अभी तक कराहता रहा है।

दो नरेन्द्र! स्वामी विवेकानंद तथा नरेंद्र मोदी

सबसे पहले विवेकानंद ने भारतीय समझ में सबको शामिल करने का नायाब तर्क दिया। उनके अनुसार हिन्दुस्तान अकेला है जहां सबसे ज्यादा धर्मोें मसलन ईसाई, मुस्लिम, यहूदी, पारसी और तमाम छोटे बड़े…

मरते जन आंदोलन, मरते गांधी- कनक तिवारी की कलम से

भारतीय लोकतंत्र खेत है जिसे सरकारी बदइंतजामी की बाड़ खा रही है। खेत की उपजाऊ ताकत कभी खत्म नहीं होती। बाड़ वह कृत्रिम मेड़ है जिसे कभी न कभी जन सैलाब जरूर बहा देगा।

ओरांगउटान ! कनक तिवारी की कलम से

ब्रिटिश संसद को गांधी ने प्रधानमंत्री के इशारे पर नाचने वाली नर्तकी का नाम दिया था। यूरोप और जर्मनी के अर्थचिंतक माक्स और एंजेल्स भी पश्चिम की औद्योगिक सभ्यता के पैरोकार थे। हूकूमत में रही…

बस्तर वासियों! हम एक हैं:कनक तिवारी

छत्तीसगढ़ के निवासियों की उम्मीदें कांच के बर्तनों की तरह न केवल टूट गई हैं, बल्कि कांच के टुकड़े उन्हें गड़ रहे हैं। छत्तीसगढ़ में तेजी से तथाकथित विकास हो रहा है। विकास वह ग्लेशियर है जिसका…

संत कबीर पर कनक तिवारी का विशेष लेख

कबीर से बेहतर सेक्युलरवाद की परिकल्पना संविधान में भी नहीं है। संविधान तो सेक्युलरवाद के नाम पर अलग अलग कोष्ठकों में धर्मगति को नियंत्रित करता है। कबीर मुफलिस थे अर्थात आत्मा के निद्र्वन्द्व…

क्या राजद्रोह हटेगा?

भारतीय दंड संहिता में अन्य कई प्रावधान हैं। उनसे राज्य विद्रोही कार्यवाहियों के आरोपियों की मुश्कें कसी जा सकती है। धारा 121ए 121-क और 122 के अनुसार राज्य के विरुद्ध अपराध करने के लिए मौत तक…

विकास और आदिवासी विनाश—3

योजना आयोग के एक विशेषज्ञ दल ने चौंकाने वाली खस्ता माली हालत का नक्सल पीड़ित आदिवासी इलाकों को देखकर चित्रण किया है। सरकारी बदइंतजामी पर कटाक्ष भी किया है। सरकारों ने उस रिपोर्ट को न तो…