पढ़-लिख कर भी कट्टर भए !
हामिद अंसारी शरिया अदालत की पैरवी में भी आतुर दिखा । संवैधानिक पद पर रहना , डिप्लोमेट रहना सब ध्वस्त हो गया इस एक नीचता में । और डाक्टर ज़ाकिर नाईक ? कभी चिकित्सक रहे इस व्यक्ति को वहाबी…
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