कभी नहीं जन्मे, कभी मरे नहीं…
10 अप्रैल 1989 को रजनीश ने अपने जीवन का अंतिम सार्वजनिक व्याख्यान दिया। यह 'द ज़ेन मैनिफ़ेस्टो' पुस्तक में संकलित हुआ है। वह व्याख्यान इन शब्दों के साथ समाप्त हुआ था : "गौतम बुद्ध के अंतिम…
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