दिल्ली की सीमाओं पर किसान आंदोलन नाम का पाखंड खुलेआम हुआ. इस पाखंड पर उंगली उठाने के बजाए न्यूजचैनलों ने उसका महिमामंडन किसान आंदोलन कह कर ही किया. लगातार 15 महीनों तक किया. जबकि सच यह नहीं…
स्वामी प्रसाद मौर्य को राजनीतिक मौसम विज्ञानी कह कर उत्तरप्रदेश में सपा की सरकार बनने का ढपोरशंख बजाने में जुट गए न्यूजचैनलों के ढपोरशंखी एंकर एडिटर रिपोर्टरों को क्या कहा जाए.?