Editorial जैसे तब सब राममय था, वैसे अब भी सब राममय है। positive india Apr 17, 2024 0 "यह कौन सा रूप धारण कर लिया देव? मैंने पुत्र मांगा था, ईश्वर नहीं। मुझे आपको गोद में खिलाना है। आपकी किलकारियों पर मोहित होना है, आपकी चञ्चलता पर मुग्ध होना है। आपको रोते हुए देखना है, आपको…
Editorial कितने ईश्वर हैं और कितनी तरह के? और ये सब कहां से आए? किसकी कल्पना से उपजे? positive india May 26, 2023 0 इस्लाम ने भी अपने ईश्वर का कोई चित्र नहीं बनाया। यानी आप जैसी चाहें, कल्पना कर लें। किंतु कल्पना ना ही करें तो बेहतर होगा। क्योंकि कल्पना 'कुफ़्र' है!