बड़के साबजी बहुत गुस्सा मे है कि सरकार ने चुनाव आयुक्त की नियुक्ति जल्दबाजी में क्यों…
अगर सरकार एक बार सुझाये नामों से सहमत नहीं है तो कॉलेजियम को उन्हें बदलना चाहिए...ये कैसी तानाशाही है कि आप दोबारा वही नाम भेजेंगे क्योंकि वो सरकार को मानने ही होंगे। आप सरकार पर डंडा नहीं…