तो गोदी मीडिया का तराना गाने वाले पतिव्रता टाइप टिप्पणीबाजों के लिए अंजुम रहबर के दो शेर खर्च करने का मन हो रहा है:
इल्जाम आइने पर लगाना फिजूल है
सच मान लीजिए चेहरे पर धूल है।
विद्याचरण शुक्ल जी ने राजनीति को जितने करीब से देखा, शायद ही वह किसी राजनीतिज्ञ के नसीब में आया हो। विद्या भैया लोगों के स्मृतियो मे आज भी आते है।
आज उनके सातवीं पुण्यतिथि पर भावपूर्ण…
पॉजिटिव इंडिया:भविष्य का भारत युवाओं के सपने व उनकी आकांक्षाओं, उनके चरित्र और उनकी कार्यकुशलता से निर्मित होगा: उपराष्ट्रपति 21वीं शताब्दी के संदर्भ में हमें अपनी शिक्षा व्यवस्था में…
पॉजिटिव इंडिया:दुर्ग ;हेमचंद यादव विश्वविद्यालय की स्थायी समिति की बैठक में कुलपति श्री दिलीप वासनीकर की अध्यक्षता में अनेक निर्णय लिए गए। इसमें एमजे कालेज कोहका में नवीन कक्षा एमएड में 50…