www.positiveindia.net.in
Browsing Tag

आपातकाल

लालकृष्ण आडवाणी ने पत्रकारों को क्यों कहा था कि आप को तो बैठने के लिए कहा गया था…

तमाम फालतू फिल्मों की शानदार समीक्षा आखिर किस गणित के तहत होती हैं । संजू फिल्म में जिस तरह मीडिया को कुत्ता बता कर दुत्कारा और हिट किया गया है , उस पर मीडिया जगत में कोई नाराजगी या कसैलापन…

बंगाल में ममता बनर्जी के लिए चुनावी हवा उलटी और बहुत तेज बह रही है।

ऐसा नजारा आज से 44 साल पहले देखा था। जब आपातकाल हटने के तत्काल बाद हुए चुनाव में संजय गांधी के गैंग के भय से सहमी जनता कुछ बोल नहीं रही थी लेकिन जब चुनाव परिणाम आया था तो इंदिरा गांधी और…

राहुल गांधी के आरोपों की धज्जियां उड़ाती मीडिया पर कांग्रेस के कब्जे की कहानियां

मीडिया की आजादी पर कांग्रेसी कब्जे की कहानी आजादी के तत्काल बाद ही तब से शुरू हो गयी थी जब मजरूह सुल्तानपुरी को नेहरू ने 1949 में दो साल के लिए जेल में इसलिए बंद करा दिया था क्योंकि मजरुह…

गोदी मीडिया के बहाने और निशाने

तो गोदी मीडिया का तराना गाने वाले पतिव्रता टाइप टिप्पणीबाजों के लिए अंजुम रहबर के दो शेर खर्च करने का मन हो रहा है: इल्जाम आइने पर लगाना फिजूल है सच मान लीजिए चेहरे पर धूल है।

विद्याचरण शुक्ल-जिनके कार्यों का मूल्यांकन अभी बाकी है

विद्याचरण शुक्ल जी ने राजनीति को जितने करीब से देखा, शायद ही वह किसी राजनीतिज्ञ के नसीब में आया हो। विद्या भैया लोगों के स्मृतियो मे आज भी आते है। आज उनके सातवीं पुण्यतिथि पर भावपूर्ण…