लेकिन हत्यारों और अन्य अपराधियों को मीडिया को इस तरह इंज्वाय करने से ज़रुर बचना चाहिए
अतीक़ अहमद पूरी दबंगई और हेकड़ी से अपनी साइकिल सत्ता के ट्रक से टकराता रहा। मुस्लिम होने , मुस्लिम वोट बैंक का नशा उस पर मरते समय तक तारी था। मीडिया इंज्वाय करता रहा , ऐसे जैसे पान चबा रहा हो…