हिंदी फ़िल्मों की खाद है, खनक और संजीवनी भी है खलनायकी
जिधर देखिए गब्बर सिंह की धूम। यह पहली बार हो रहा था कि किसी खलनायक के डायलाग जनता सुन रही थी। और कैसेट कंपनियां गाने के बजाय डायलाग की सी.डी. बाज़ार में उतार रही थीं। गब्बर के डायलाग। गब्बर…