अज्ञेय : फिर कहां से तुम ने विष पाया और कहां से सीखा डसना?
कहे अनकहे ढेर सारे महिला प्रसंगों के बावजूद सचमुच न जाने क्यों जीवन में अज्ञेय सचमुच अज्ञेय ही थे। सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन ‘अज्ञेय’।
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