अब यह निश्चित हो गया है कि नवंबर के मध्य मे इस विषय पर फैसला आ जाएगा । पर दुर्भाग्य से उन खेमो मे काफी बेचैनी और घबराहट है, जिनकी पूरी राजनीति ही इस पर निर्भर थी । पर आज यह परिवर्तन दिख रहा…
सभी नौकरियों के मरुस्थल में हाई कोर्ट मरुद्यान है। पता ही नहीं चलता कौन वकील कब हाई कोर्ट का जज बना दिया जाएगा। न योग्यता निर्धारण का घोषित मापदंड होता है। न ही बौद्धिक प्रतियोगिता होती है।