Positive India:Rajesh Jain Rahi:
चुस्त हो चुके हैं अब, शहरी हमारे सब,
शहरों का हाल जरा,अभी ढीला ढाला है।
सड़कों पे रात-दिन, घूमते मवेशी और,
कचरे से ठसाठस, छोटा बड़ा नाला है।
सिग्नल…
Positive India:Rajesh Jain Rahi:
राही के तीर
कौन था महान और, कहा किसको महान,
इतिहास पे दोबारा, शोध होना चाहिए।
शौर्य की मिसाल राणा, जैसी नहीं दिखती है,
वीरता का दुनिया को, बोध…
Positive India:Rajesh Jain Rahi:
लुढ़क गई फिर सत्ता देखो,
लुढ़क गया सुरभित प्याला।
लुढ़क गए कुछ साथी कच्चे,
लुढ़की हाथों की हाला।
राजनीति के मदिरालय में,
कई लुढ़कते रहते हैं।
काव्य…
Positive India:Rajesh Jain Rahi:
हाथ में जाम है,
आपसे काम है।
दिन फिरेंगे कभी,
घोषणा आम है।
मीर की शायरी,
एक पैगाम है।
काव्य में सत्य का,
सुखमयी ग्राम है।
राधिका की…