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राम

कैसे आते हैं श्रीराम!

Positive India:Sarvesh Kumar Tiwari: उस घने वन में एक ओर सीधे सादे भीलों की बस्तियां होतीं थीं, तो दूसरी ओर तपस्वी ऋषियों के आश्रम! प्रकृति द्वारा निर्मित व्यवस्था के अनुसार जीवन यापन…

हर वर्ष रावण का पुतला जलाने की क्या आवश्यकता है?

बिल्कुल आवश्यकता है। बल्कि यह आवश्यकता सदैव रहेगी। क्या अब भेष बदल कर लड़कियों के साथ छल करने वाले रावण नहीं है धरती पर? गृहस्थों की गृहस्थी तबाह करने वाली सूर्पनखाएँ नहीं क्या? सज्जन दिखने…

क्या आप “थाईलैंड की अयोध्या” के बारे में जानते है ?

क्या असली राम राज्य थाईलैंड में है? बौद्ध होने के बावजूद थाईलैंड के लोग अपने राजा को राम का वंशज होने से विष्णु का अवतार मानते हैं , इसलिए थाईलैंड में एक तरह से राम राज्य है । वहां के राजा…

आदिपुरुष फ़िल्म के निर्माताओं ने कुछ अलग हट कर दिखाने की मूर्खता क्यो की ?

धर्मिक कथाएं किसी फिल्मी कहानीकार की गढ़ी हुई कहानी नहीं हैं कि विलेन का मतलब गब्बर और हीरो का मतलब पियक्कड़ बीरू हो।

सनातन देवियों में माता सीता सर्वाधिक लोकप्रिय क्यो हैं ?

माता सीता से अधिक मर्यादित पुत्री की कल्पना कर सकते हैं आप? क्या उनसे अधिक समर्पित बहु की कल्पना कर सकते हैं आप? नहीं! अपने परिवार की प्रतिष्ठा के लिए जीवन भर संघर्षों से जूझती रहीं माता…

रावण की स्त्रियों के बारे क्या सोच थी वह रावण की ही थी तुलसी की नहीं

नारियाँ स्वतंत्र होकर बिगड़ जाती हैं । यद्यपि यह बात तुलसीदास ने चार सौ वर्ष पहले कही थी जब युग ही दूसरा था लेकिन आज भी जिस तरह स्त्रियाँ कभी सूटकेस में कभी तंदूर में कभी प्लास्टिक बैग में…

तुलसीदास ने साबित कर दिया कि कलम की ताक़त तलवार सें कहीं अधिक होती है

उस युग में जब प्रचार प्रसार के साधन नहीं थे तब तुलसी की मानस घर घर पहुँच गई । इसकी चौपाइयाँ दोहे छंद मंत्र बन कर दैनिक पूजा का अंग हो गए। तलवार की धार तले रौंदा जाता सनातन धर्म फिर सीना तान…

2024 के बड़े कैनवास पर पलटूराम का दोगला रंग क्यो जरूरी है?

सच्चाई की आवाज उठाने पर छात्रों,गरीबो और पिछड़ों पर लाठियां बरस रही हैं....उनको छिपाने के लिये ऐसी टिप्पणियां जानबूझ कर की जा रही है...जिनका उद्देश्य केवल बिहार मे पैर फैलाते जंगलराज से जनता…

रावण की स्त्रियों के बारे क्या सोच थी वह रावण की ही थी तुलसी की नहीं

महाभारत में कितनी बार नारी के लिए अपमान जनक शब्दों का प्रयोग हुआ है पर कोई इसके लिए महाभारत के रचयिता वेदव्यास को दोषी नहीं ठहराता । मर्चेंट ऑफ़ वेनिस के यहूदी पात्र शाइलॉक का इतना चरित्र…