www.positiveindia.net.in
Browsing Tag

बीजेपी

कर्नाटक में भाजपा की पराजय का विश्लेषण

भाजपा अपनी चुनावी तैयारी केवल चुनाव जीतने के लिए नहीं, बल्कि चुनाव बाद स्थाई सरकार चलाने के हिसाब से करती है‌। हाँ इस प्रकार की तैयारी बहुत बड़ा चुनावी दांव होता है, जिसकी कीमत चुनाव हार कर…

केजरीवाल की असलियत बताता ऑपरेशन शीशमहल

Positive India:Vishal Jha: बिल्कुल ही अलग संदर्श से इस पूरे ऑपरेशन शीशमहल(Operation Sheesh Mahal) को देखने की आवश्यकता है‌। राजनीति चलाने के लिए अरविंद केजरीवाल को जितना संघर्ष करना पड़ रहा…

भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी समिति की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

पॉजिटिव इंडिया;हैदराबाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को विपक्षी दलों पर जोरदार हमला बोला और कहा कि देश वंशवादी राजनीति और वंशवादी राजनीतिक दलों से पूरी तरह ऊब चुका है और ऐसी पार्टियों…

फाइलें खुलने से भाजपा एक्सपोज होगी। तुम्हें क्यों डर है? तुम क्यों परेशान हो?

नरेंद्र मोदी कश्मीर की फाइलें खोलने वालों के साथ खड़े हैं। और कितनी इमानदारी चाहिए? जो अपने ही खिलाफ अपनी फाइलें खुलवा रहा। हां, अच्छा होगा तुम भी साथ हो जाओ।

हिन्दू और हिंदुत्व से पहले कांग्रेस ने देश और राष्ट्र का खेल क्यों खेला था?

हिंदू और हिंदुत्व के बीच खाई को बढ़ाकर राजनीति करने का वक्त आ चला है। तमाम वामपंथी, उदारवादी, कांग्रेसी अब इस हिंदुत्व के विरोध में अपना कौन-कौन सा एजेंडा किस प्रकार से विमर्श में उतारेंगे…

उपचुनाव के परिणामों का पेट्रोल की कीमत से कुछ लेनादेना क्यों नहीं?

असम में हेमंत बिस्व सरमा की एकतरफा प्रचंड विजय ने भी यह संदेश दिया है कि मुख्यमंत्री योगी की ही शैली में ही सफेदपोश कट्टरपंथी जिहादियों से निपटना होगा।

लेकिन लखीमपुर में यह पप्पू आंसू पोंछने में बाजी जीत कर पास हो गया है

आप कहते रहिए राहुल गांधी को पप्पू। लेकिन लखीमपुर में यह पप्पू मृतकों के परिजनों के आंसू पोंछने में बाजी जीत गया है। कह सकते हैं कि पप्पू पास हो गया है , लखीमपुर के पहले राउंड में।

भारत अब कृषि प्रधान देश नहीं कारपोरेट प्रधान देश है

भारत अब कारपोरेट प्रधान देश है। यह तथ्य किसान आंदोलन के खिदमतगारों को जान लेना चाहिए। इस सचाई को हमारे वामपंथी साथियों समेत तमाम आंदोलनकारियों को समय रहते जान-समझ लेना चाहिए। आवारा पूंजी ही…

पश्चिम बंगाल को अब सिर्फ़ और सिर्फ़ सेना और सेना के बूट ही संभाल सकते हैं

ममता बनर्जी के कुशासन ने सेक्यूलरिज्म का पहाड़ा पढ़-पढ़ कर इस सांप्रदायिकता की भट्ठी को और गरम कर दिया है। इतना कि अब इसे सिर्फ़ और सिर्फ़ सेना और सेना के बूट ही संभाल सकते हैं।

इसलिए सर्वश्रेष्ठ हैं मुख्यमंत्री योगी

4 वर्ष में 50% तक वृद्धि तो स्वाभाविक प्रतीत होती है लेकिन योगी काल में एकदम से 200-300 प्रतिशत की वृद्धि डंके की चोट पर यह ऐलान करती है कि पहले चोरी हो रही थी जिस पर अब रोक लग गयी है।