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गांधी

गोदी मीडिया के बहाने और निशाने

मीडिया का एक ख़ास पॉकेट मोदी का पिट्ठू बन गया है तो इस में अचरज क्या है भला। ब्रिटिश पीरियड से यह परंपरा जैसे भारतीय मीडिया का चलन बन गया है। मीडिया का एक ख़ास पॉकेट तो आज की तारीख में सोनिया…

|| संभव गाँधी : असंभव गाँधी ||

भारत का स्वतंत्रता संघर्ष गवाह है कि हजारों लाखों लोगों ने छोटा मोटा गांधी बनने की, उनकी तरह जीने की, सत्य अहिंसा के रास्ते पर चलते हुए अपनी जान देकर यह साबित कर दिखाया कि गांधी पूरी तरह…

अशोक गहलोत ने राजस्थान में क्यों लोकतंत्र का तमाशा बना रखा है?

लोकतंत्र के साथ खेलना और लोकतंत्र का गला घोट देना गांधी वंश के जीन में है। एक चुने हुए नेता सुभाष चंद्र बोस को कांग्रेस से बाहर निकाल कर गांधी ने यह बीज बोया था।

अंबेडकर को संविधान निर्माता कहना संविधान के साथ छल और कपट है

अंबेडकर संविधान निर्माता नहीं हैं। अंबेडकर को संविधान निर्माता कहना , संविधान के साथ छल और कपट है। पाखंड है। चार सौ बीसी है। इस मामले में भी मैं अंबेडकर का परम निंदक हूं। लेकिन दलित वोट की…

जिन्ना का डिवाइड इंडिया डिस्ट्राय इंडिया का खेल अभी भी बदस्तूर जारी है बस डायरेक्ट…

डिवाइड इंडिया , डिस्ट्राय इंडिया का हामीदार जिन्ना तैमूर , अलाऊदीन खिलजी , औरंगजेब आदि का मिला-जुला कॉकटेल था। याद कीजिए जिन्ना का डायरेक्ट एक्शन प्लान। इतिहास का सब से बड़ा नरसंहार का दिन था…

अखंड ज्योति के पीछे विवाद खड़ा करना तो बहाना है। असल मुद्दा तो सुभाष चंद्र बोस की…

जिस प्रकार से भारत सुभाष चंद्र बोस को स्वीकारते जा रहा है, एक वक्त आएगा जब सुभाष चंद्र बोस राष्ट्रपिता तो नहीं लेकिन राष्ट्रनायक बनकर लोक विमर्श में स्थापित हो जाएंगे। क्या तब भी कोई…

यह गांधी का नहीं गोडसे का भारत लगता है – महबूबा मुफ्ती

महबूबा को नेहरू गांधी वाला भारत चाहिए। जिसमें कश्मीर के लिए धारा 370 के साथ अलग संविधान और अलग झंडा मौजूद था। वह भारत चाहिए जिसमें कश्मीर का '90 का नरसंहार और महापलायन हुआ था। वह भारत चाहिए…

लेकिन गांधी को राष्ट्रपिता का ख़िताब तो नेता जी सुभाषचंद्र बोस ने ही दिया है

नसीरुद्दीन शाह , शाहरुख़ ख़ान , आमिर ख़ान जैसों चुके हुए अभिनेताओं की तरह कंगना रानावत को ख़बरों में बने रहने के लिए ऐसी बेहूदा और निरर्थक बयानबाजी से भरसक परहेज़ करना चाहिए। विवादित बयान देने की…