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किसान

वर्मी कम्पोस्ट से अब ज्यादा उत्पादन कर रहे किसान

पॉजिटिव इंडिया: रायपुर,12 जनवरी 2021 छत्तीसगढ़ सरकार की महत्वाकांक्षी नरवा, गरूवा, घुरूवा अउ बारी योजना का बेहतर प्रभाव नजर आने लगा है। गौठानों मंे बनाये जाने वाले वर्मी कम्पोस्ट का…

किसान आंदोलन की आड़ में भारत विरोधी गैंग और देशद्रोहियों की गहरी साजिश

देशद्रोही गुंडों ने अब जियो के लगभग डेढ़ हजार मोबाइल टॉवर ध्वस्त कर दिए हैं और आगे करते जा रहे हैं। यह एक भयानक साजिश है जिसके तहत पाकिस्तान से लगी सीमा वाले पंजाब में संचार व्यवस्था को पूरी…

गज़ब चोरी और उससे डबल गज़ब सीनाजोरी..

मनमोहन सिंह की कांग्रेसी सरकार ने कॉरपोरेट जगत के 20 लाख 65 हजार करोड़ रूपये के टैक्स माफ किए थे. अर्थात्‌ राहुल गांधी, सोनिया गांधी, मनमोहन सिंह की कांग्रेसी सरकार औसतन 4.13 लाख करोड़ की…

मोदी विरोध के गुरुर में किसान मुनाफा तो दूर लागत के लिए भी तरसता रहे

मोदी विरोध के लिए अंबानी , अडानी का विरोध भी गुड है। टाटा , बिरला का विरोध कर के लोग विदा हो गए। किसी को बाटा का विरोध करते नहीं देखा। हिंदुस्तान लीवर का विरोध करते नहीं देखा। तब जब कि इन…

वो डकैत याद आ रहे हैं..

कांग्रेस के शासनकाल में MSP के 1.5 लाख करोड़ की लूट खुलेआम हो रही थी. वही कांग्रेस आज किसानों की हमदर्दी का नकाब पहनकर देश को अराजकता की हिंसक आग में झोंक देने का भयानक खेल खेल रही है.

आप चुनी हुई बहुमत की सरकार के साथ या इन भीड़ तंत्रवादी वामी दूषित तत्वों के साथ

यह लोकतंत्र पर भीड़ तंत्र को परी बनाने की इच्छा लिए हुए वामपंथी उपद्रव शैली है जो देश के प्रधानमंत्री को ठोकने तक के लिए हठाग्रही है ।

ये कृषि बिल कश्मीर से धारा 370 हटाने की तरह।

हम तो इस कृषि बिल को कश्मीर से धारा 370 हटाने की तरह मानते हैं। जैसे 370 हटने से कश्मीर में पत्थरबाजी खत्म हो गई , घाटी में कुछ पॉकेट्स में छिटपुट मामलों को छोड़ दीजिए तो देश से आतंक का…

कृषि कानूनों पर विपक्षी तथा बिचौलिए किसानों को कर रहे गुमराह

कृषि कानून स्पष्ट रूप से किसानों की जमीन की बिक्री करने, उसे पट्टे पर देने या बंधक रखने पर प्रतिबंध लगाता है।इस विधेयक में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि समझौता फसलों के लिए होगा, न कि भूमि के…

किसानों के नाम पर राजनीति चमकाने वाले नेताओं का भविष्य अंधकारमय है

मंडी परिषद के एकाधिकार का परिणाम यह निकला कि जो उत्पाद किसानों से दो-तीन रुपए किलो लिया जाता है, वही उत्पाद ग्राहकों को 40 से 50 रुपये किलो पड़ता है। बीच का अगर सात-आठ रुपए प्रति किलो…

किसानों को नहीं कारपोरेट को मिलेगा कृषि सुधार अधिनियमों का फायदा??

किसान हित का डंका बजा रहे अधिनियमों का असली फायदा तो साधन-संपन्न सशक्त कारपोरेट ही उठा पाएंगे। सिर्फ कागजी योजनाएं ना बनाएं और ना ही इस तरह के आत्मघाती अधिनियम बनाकर किसानों हाथ पैर बांधकर…