तबलीगी जमात प्रमुख मौलाना साद फरार
कोरोना से लड़ने में देश की कोशिशों में तबलीगी जमात में लगाया पलीता
Positive India:1 April-2020:
तबलीगी जमात प्रमुख मौलाना साद(Maulana Saad) फरार हो गए हैं । दिल्ली पुलिस ने तबलीगी जमात प्रमुख मौलाना साद पर महामारी कानून 1897 के तहत केस दर्ज कर लिया है। मौलाना साद 28 मार्च को ही फरार हो गए।
आंध्र प्रदेश के सभी 43 तबलीगी जमात(Tablighi Jamaat) के लोग; जो मरकज(Markaz) में हिस्सा लेकर वापस आंध्रप्रदेश पहुंचे थे, वे सभी 43 के 43 कोरोना(Corona) पाजीटिव पाए गए हैं । इतना ही नहीं, आसाम मे 5 तबलीगी जमात के लोग, जब निजामुद्दीन से वापस आसाम पहुंचे और उनका टेस्ट किया गया, वे सभी पांच के पांच कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं।
तबलीगी जमात के प्रमुख मौलाना साद ने अपनी तकरीरो में कोरोना वायरस तथा लाकॅडाउन(Lockdown)को साजिश बताया था। मौलाना साद निजामुद्दीन ममरकज(Nizamuddin Markaz) के लोगों को उकसा रहे थे कि व मस्जिदों में रहे। अगर मस्जिद में रहते हुए कोरोना से उनकी जान चली जाती है, इससे बड़ी बात कोई हो ही नहीं सकती।
यूट्यूब मौलाना साद के भड़काऊ भाषणों से भरा पड़ा है। मौलाना साद के भड़काऊ भाषण देश के कानून की अवमानना कर रहे हैं। इतना ही नहीं निजामुद्दीन के मरकज ने कोरोना वायरस से लड़ने में देश की कोशिशो में पलीता लगा दिया है।
गवर्नर आरिफ मोहम्मद के शब्दों में तबलीगी जमात द्वारा किया गया यह अपराध साधारण अपराध नहीं है; यह मानवता व देश के खिलाफ अपराध है। तबलीगी जमात की करतूतों ने देश को भयानक संकट मे डाल दिया है। कोरोना वायरस से संक्रमित तबलीगी जमात के हजारों लोग कोरोना स्लीपर सेल की तरह देश के कोने कोने में पहुंच गए हैं, इनमें रोहिंग्या सहित कई विदेशी हैं। इन कोरोना स्लीपर सेल(Corona Sleeper Cell) के संपर्क में हजारों लोग आ चुके हैं। अगर देखा जाए तो मोदी सरकार द्वारा किया गया लॉकडाउन तथा उसके नतीजों पर पानी फिरता हुआ दिख रहा है।
तेलंगाना में कोरोना से संक्रमित आठ मौलानाओं की मौत हो चुकी है, जो तबलीगी जमात के निजामुद्दीन मरकज में शामिल होकर वापस तेलंगाना पहुंचे थे।
केंद्र के साथ-साथ सभी राज्य सरकारें पूर्ण अलर्ट मोड पर आ गई हैं। जहां-जहां तबलीगी जमात के लोग पहुंचे हैं, वहां उनकी शिनाख्त की जा रही है ताकि कोविड-19 से बचाव के पुख्ता इंतजाम किए जा सके।