Positive India:प्रयागराज;14 अप्रैल:
कोरोना के बढ़ते आतंक के कारण सामाजिक,आर्थिक, धार्मिक, शैक्षिक आदि सभी क्षेत्रों में कार्य रुक गए हैं । ऐसे में समस्या उन नवप्रवेशी और अध्ययनरत छात्रों के लिए हो गई है ,जो परीक्षाएं स्थगित होने के कारण परेशान हैं । सभी छात्र-छात्राएं परीक्षाओं के होने का इंतजार कर रहे हैं; जिससे वह अगली कक्षा में जा सके ,लेकिन लॉकडाउन की अवधि निश्चित ना होने के कारण एक बड़ी समस्या उत्पन्न हो गई है कि यह लॉकडाउन कब तक चलेगा और परीक्षाएं कब होंगी ? हालांकि विश्वविद्यालयों और कॉलेजों ने ऑनलाइन परीक्षाएं करवाने का निर्णय लिया ,लेकिन ग्रामीण और पिछड़े क्षेत्रों के छात्रों को ध्यान में रखते हुए यह विचार स्थगित करना पड़ा । अतः अब विश्वविद्यालय और कॉलेज नए सिरे से छात्रों के हितार्थ पुनर्विचार कर रहे हैं।
इसी कड़ी में इलाहाबाद विश्वविद्यालय ने एक अहम फैसला लिया है । इलाहाबाद विश्वविद्यालय शिक्षक संघ के अध्यक्ष प्रोफेसर राम सेवक दूबे ने कार्यवाहक कुलपति प्रोफेसर आर आर तिवारी को पत्र लिखकर प्रथम एवं द्वितीय वर्ष के छात्र- छात्राओं को प्रोन्नत करने की मांग की है, ताकि परीक्षा कराने ,मूल्यांकन में, परिणाम घोषित करने में लगने वाले समय से बचा जा सके । पत्र में प्रोफेसर दूबे ने बताया है कि सर्वाधिक संख्या प्रथम वर्ष और उससे कम द्वितीय वर्ष के छात्रों की है । ऐसे में स्नातक व परास्नातक में इन दोनों कक्षाओं के छात्र-छात्राओं को बिना परीक्षा ही प्रोन्नत किया जा सकता है । बाद में तृतीय वर्ष के छात्र-छात्राओं की परीक्षा कराना आसान हो जाएगा। ऐसे ही प्रयोगात्मक परीक्षा में भी किया जा सकता है । कुलपति की अध्यक्षता में सदस्यों के साथ गंभीर चर्चा के बाद सर्वसम्मति से इस मसले पर जल्द ही कोई निर्णय लिया जाएगा । साथ ही नवप्रवेशी छात्रों के प्रवेश के लिए भी नियमों का निर्धारण किया जा रहा है । दिल्ली विश्वविद्यालय का हवाला देते हुए प्रोफेसर दूबे ने अपने पत्र में कार्यवाहक कुलपति को यह भी बताया कि नव प्रवेशियों को अन्य कक्षाओं में प्राप्त अंकों की मेरिट के आधार पर प्रवेश दिया जा सकता है । उपर्युक्त सभी बिंदुओं पर विचार-विमर्श चल रहा है ।
संवादाता:विनीत दूबे-एडवोकेट, इलाहाबाद हाईकोर्ट।