www.positiveindia.net.in
Horizontal Banner 1

मुरलीधारी बदल कर वेश आ रहे हैं , गाने पर मुझे घनघोर आपत्ति है-दयानंद पांडेय

टोटी यादव ऊर्फ अखिलेश यादव ने अपने लिए एक गाना बनवाया है , मुरलीधारी बदल कर वेश आ रहे हैं !

laxmi narayan hospital 2025 ad

Positive India:Dayanand Pandey:
आप मुसलमानों और यादवों के नेता तो हो सकते हैं पर किसी के आराध्य कैसे हो सकते हैं भला। आप राम या कृष्ण के भक्त तो हो सकते हैं। कोई हर्ज नहीं है। यह आप का ही नहीं , हर किसी का अधिकार है। कोई भी हो सकता है। किसी भी धर्म , किसी भी देश का हो सकता है। नो प्रॉब्लम। पर आप कहें कि आप राम बन कर आ रहे हैं , आप कृष्ण बन कर आ रहे हैं। तो यह बहुत ही अश्लील बात है , बहुत ही आपत्तिजनक बात है। किसी को हो , न हो मुझे इस पर गंभीर आपत्ति है। राम और कृष्ण हमारे आराध्य हैं। फिर वोटों की टुच्चई के लिए आप हमारे आराध्य भला कैसे हो सकते हैं। ऐसे किसी भी दावे या गाने पर तुरंत रोक लगनी चाहिए। हाईकोर्ट , सुप्रीमकोर्ट , चुनाव आयोग को तुरंत इस का स्वत: संज्ञान ले कर इस गाने पर प्रतिबंध लगा देना चाहिए।

टोटी यादव ऊर्फ अखिलेश यादव ने अपने लिए एक गाना बनवाया है , मुरलीधारी बदल कर वेश आ रहे हैं ! गज़ब है , मुरलीधारी बनने का मुंगेरी लाल का यह हसीन सपना भी। कहां माखन चोर , कहां टोटी चोर ! वह गांव में एक कहावत कही जाती है न कि कहां मूंछ के बाल कहां …. की याद आ गई है। एक समय मथुरा में जयगुरुदेव की संपत्ति पर कब्जा करने के लिए माफ़िया रामवृक्ष यादव को मरवा कर , चाचा शिवपाल यादव को ठिकाने लगाने वाले , औरंगज़ेब की तरह पिता की पीठ में छुरा घोंपने वाले टोटी यादव अब मुरलीधारी बन कर , हमरे बलमा बेईमान हमें पटियाने आए हैं , गाने की याद भी दिला दे रहे हैं। मुरलीधर तो द्रौपदी की लाज बचाने के लिए जाने जाते हैं पर यह टोटी यादव तो बलात्कारी गायत्री प्रजापति को बचाने के लिए जाने जाते हैं। भू माफ़िया , चार सौ बीस आज़म खान जो जयाप्रदा की चड्ढी का रंग बताने के लिए कुख्यात हैं के संरक्षण के लिए जाने जाते हैं। घनघोर यादववाद के लिए जाने जाते हैं। गुंडा राज के लिए जाने जाते हैं।

भ्रष्टाचार और यादववाद के परम पालनहार टोटी यादव पहले पप्पू गांधी के खूनी और भ्रष्टाचारी पंजे से साइकिल चलवा कर पराजित हुए तो हाथी पर बैठ कर साइकिल चलाने में सत्ता भी गंवा बैठे। उत्तर प्रदेश को किसी का संग पसंद नहीं आया। तो मुस्लिम वोट के लिए मुसलामानों के मल का टोकरा सिर पर रखने वाले टोटी यादव अब मुरलीधर को ठगने के लिए स्वांग भर रहे हैं। भूल गए हैं टोटी यादव कि राम और कृष्ण दोनों एक ही हैं। भजन ही है , जग में सुंदर हैं दो नाम / चाहे कृष्ण कहो चाहे राम ! बस त्रेता और द्वापर युग का फ़र्क है। दोनों ही भारतीय वांग्मय में राक्षसों का अंत करने के लिए अवतार माने जाते हैं। विष्णु के अवतार हैं दोनों। पर यहां तो टोटी यादव मुख़्तार अंसारी , अतीक़ अहमद जैसे अनन्य राक्षसों के पालनकर्ता के रूप में कुख्यात हैं। गोया कंस और रावण के संरक्षक। गुंडा राज , भ्रष्टाचार और यादव राज के लिए जाने जाने वाले टोटी यादव अगर राम मंदिर के लिए अयोध्या में पत्थर का आना रोक सकते हैं। येन-केन-प्रकारेण , राम मंदिर का मुसलसल विरोध कर सकते हैं , अनेक साधू-संतों की निरपराध पिटाई करवा सकते हैं। तो मुरलीधारी कैसे हो सकते हैं। तमाम विसंगतियों , अनीतियों और कुनीतियों के बावजूद आप मुरलीधारी के भक्त तो हो सकते हैं। पर मुरलीधारी कैसे हो सकते हैं।

आप मुसलमानों और यादवों के नेता तो हो सकते हैं पर किसी के आराध्य कैसे हो सकते हैं भला। वेश बदल कर ही सही मुरलीधारी कैसे हो सकते हैं। राधा और मीरा से बड़ा भक्त तो अभी तक कोई हुआ नहीं दुनिया में कृष्ण का। उन्हों ने भी कभी खुद को मुरलीधारी कहने की धृष्टता नहीं की। आप की इतनी हिम्मत कैसे हो गई भला। सूरदास और रसखान जैसे अनेक कवियों ने भी कृष्ण की कल्पना में किसी और को कभी नहीं देखा। तब जब कि जहां न पहुंचे रवि , वहां पहुंचे कवि की अवधारणा है। लोहिया अपने एक निबंध राम , कृष्ण और शिव में लिखते हैं , राम, कृष्ण और शिव भारत में पूर्णता के तीन महान स्वप्न हैं। जिस की सारी सोच , सारा सपना टोटी , टाइल , यादव , मुस्लिम और सत्ता तक ही सीमित हो , वह पूर्णता के किस महान स्वप्न में मुरलीधारी बनने की कुटिलता पर उतर आया है , सहज ही सोचा जा सकता है। मुरलीधारी का वेश बना कर चुनावी नौटंकी में उतरने वाले इस पाखंडी और भ्रष्ट टोटी यादव का पुरज़ोर विरोध बहुत ज़रूरी है। टोटी यादव क्या हम किसी भी को ,
किसी भी वेश में मुरलीधारी स्वीकार करने को किसी सूरत तैयार नहीं हैं।
साभार:दयानंद पांडेय-(ये लेखक के अपने विचार हैं)

Leave A Reply

Your email address will not be published.