Positive India:Rajesh Jain Rahi:
नफरत के पहाड़े, कौन रोज पढ़ता है,
कौन पथराव करे, राज आप खोलिये।
बनकर नागरिक, माँगते जो अधिकार,
न्याय की तुला पे कर्म, आप जरा तोलिए।
कौन ललकार कर, भाइयों में बैर करे,
तोड़कर मौन आज, नाम सभी बोलिये।
सोचिए कि बात कौन, अमन की करता है,
भेदभाव बोने वाले, कौन हैं बिचौलिये।
लेखक:कवि राजेश जैन राही, रायपुर