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मालदीव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भाषण

Press Statement by Prime Minister during his Visit to Maldives

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PM Narendra Modi addressed Majlis in Maldives:Image Credit:Twitter
Positive India:PIB:Delhi:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मालदीव की यात्रा के दौरान मालदीव की संसद मजलिस को संबोधित किया। यह संबोधन बहुत सारे मायनों में खास है जो भारत तथा मालदीव के संबंधों को न सिर्फ मजबूती प्रदान कर रहा है बल्कि चीन के बढ़ते हुए प्रभाव को कम करने में भी बहुत प्रभावी सिद्ध हो रहा है। महज 5 लाख की आबादी वाला देश मालदीव भारत के लिए बहुत खास मायने रखता है; इसी के मद्देनजर प्रधानमंत्री की विजिट तथा उनका भाषण अपने आप में बहुत अहमियत रखता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विस्तृत भाषण को यहां पर अक्षरस दिया जा रहा है ताकि लोग समझें कि प्रधानमंत्री ने किन-किन बातों पर जोर दिया है, किस-किस चीज पर महत्ता मालदीव को दी है तथा आने वाले समय में मालदीव हमारे लिए कैसे एक अहम पार्टनर के रूप में उभरेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भाषण:

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“Your Excellency, my friend President Solih,

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Ladies and Gentlemen

मुझे ख़ुशी है कि मेरे दूसरे कार्यकाल के पहले विदेश दौरे पर आपके सुन्दर देश मालदीव में आने का मुझे सौभाग्य प्राप्त हुआ है।

यह और भी ख़ुशी की बात है कि आप जैसे करीबी दोस्त से एक बार फिर मिलने का मौका भी मुझे मिला।

इस अवसर के लिए और आपकी शानदार मेहमान-नवाजी के लिए, अपनी टीम और अपनी ओर से, मैं आपको और मालदीव सरकार को हार्दिक धन्यवाद देता हूं।

हमारे देशों ने थोड़े दिनों पहले ही ईद का त्यौहार हर्ष और उल्लास से मनाया है।

मेरी शुभकामनाएं हैं कि इस पर्व का प्रकाश हमारे नागरिकों के जीवन को हमेशा आलोकित करता रहे।

Excellency,

आज मुझे मालदीव के सर्वोच्च सम्मान से सम्मानित करके आपने मुझे ही नहीं बल्कि पूरे भारतवर्ष को एक नया गौरव दिया है।

निशान इज्जुद्दीन का सम्मान मेरे लिए हर्ष और गर्व का विषय है। यह मेरा ही नहीं बल्कि दोनों देशों के बीच मित्रता और घनिष्ठ संबंधों का सम्मान है।

मैं इसे बड़ी विनम्रता और आभार के साथ, सभी भारतीयों की ओर से स्वीकार करता हूँ।

हमारे दोनों देशों को हिन्द महासागर की लहरों ने हजारों साल से घनिष्ठ ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंधों में बांधा है।

यह अटूट मित्रता मुश्किल समय में भी हमारी मार्गदर्शक बनी है।

सन् 1988 में बाहरी हमला हो या सुनामी जैसी कुदरती आपदा या फिर हाल में पीने के पानी की कमी। भारत हमेशा मालदीव के साथ खड़ा रहा है और मदद के लिए सबसे पहले आगे आया है।

Friends,

भारत में संसदीय चुनाव और मालदीव में राष्ट्रपति और मजलिस के चुनावों के जनादेश से स्पष्ट है कि हमारे दोनों देशों के लोग स्थिरता और विकास चाहते हैं। ऐसे में, people-centric और समावेशी विकास तथा सुशासन की हमारी जिम्मेदारी और भी महत्वपूर्ण हो जाती है।

मैंने अभी राष्ट्रपति सोलिह के साथ बहुत विस्तृत और उपयोगी विचार-विमर्श किया। हमने आपसी हितों के क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों के साथ-साथ हमारे द्विपक्षीय सहयोग की विस्तार से समीक्षा की है। हमारी साझेदारी की भावी दिशा पर हमारे बीच पूर्ण सहमति है।

राष्ट्रपति सोलिह, आपके पद ग्रहण करने के बाद से द्विपक्षीय सहयोग की गति और दिशा में मौलिक बदलाव आया है। दिसंबर 2018 की आपकी भारत की यात्रा के दौरान लिए गए निर्णयों को ठोस और समयबद्ध तरीके से लागू किया जा रहा है।

Friends,

राष्ट्रपति सोलिह की भारत यात्रा के दौरान घोषित 1.4 बिलियन डॉलर के वित्तीय पैकेज से मालदीव की तत्कालीन वितीय आवश्यकताओं की पूर्ति तो हुई ही है। साथ ही सोशल इम्पैक्ट के कई नए प्रोजेक्ट्स शुरू किए गए हैं। और 800 मिलियन डॉलर की लाइन ऑफ़ क्रेडिट के अंतर्गत विकास कार्यों के नये रास्ते भी खुले हैं।

भारत और मालदीव के बीच विकास साझेदारी को और मजबूत करने के लिए हमने मालदीव के आम नागरिकों को लाभ पहुंचाने वाली परियोजनाओं पर ध्यान केंद्रित किया है।

आज हमारा द्विपक्षीय सहयोग मालदीव में सामान्य जन-जीवन के हर पहलू को छू रहा है।

● विभिन्न द्वीपों पर पानी और सफाई की व्यवस्था;
● छोटे और लघु उद्योगों के लिए पर्याप्त वित्त व्यवस्था;
● बंदरगाहों का विकास;
● कांफ्रेंस और कम्युनिटी सेंटर्स का निर्माण;
● क्रिकेट स्टेडियम का निर्माण
● आपातकालीन चिकित्सा सेवाएं;
● एम्बुलेंस सेवा;
● तटीय सुरक्षा सुनिश्चित करना;
● आउटडोर फिटनेस उपकरण की व्यवस्था;
● ड्रग डिटॉक्स सेंटर;
● स्टूडेंट फेरी;
● कृषि और मत्स्य पालन;
● नवीकरणीय ऊर्जा और पर्यटन;

ऐसे अनेक भारतीय सहयोग के प्रोजेक्ट्स से मालदीव के लोगों को सीधा फायदा पहुंचता है।

हम अड्डू में इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास और ऐतिहासिक Friday Mosque के conservation पर सहयोग के लिए भी सहमत हुए है।

दोनों देशों के नागरिकों के बीच संपर्क बढ़ाने के लिए, हम भारत में कोच्चि और मालदीव में कुलधुफ़ुशी और माले के बीच नौका सेवा शुरू करने पर भी सहमत हुए हैं।

मालदीव मे रुपये कार्ड जारी करने से भारतीय टूरिस्ट की संख्या मे वृद्धि होगी . इस बारे मे हम शिग्रह कार्यवाही करेंगे ।

रक्षा सहयोग को और मजबूत करने पर भी चर्चा हुई है।

आज हमने संयुक्त रूप से मालदीव डिफेन्स फोर्सेज के कम्पोजिट ट्रेनिंग सेंटर और तटीय निगरानी की रडार प्रणाली का उद्घाटन किया है। ये मालदीव की समुद्री सुरक्षा को और बढ़ाएगा।

भारत मालदीव के साथ अपने संबंधों को सबसे अधिक महत्व देता है। हम एक दूसरे के साथ एक गहरी और मजबूत साझेदारी चाहते हैं। एक समृद्ध, लोकतांत्रिक और शांतिपूर्ण मालदीव पूरे क्षेत्र के हित में है।

मैं यह दोहराना चाहता हूं कि भारत मालदीव की हर संभव सहायता करने के लिए हमेशा प्रतिबद्ध है।

मैं एक बार फिर महामहिम राष्ट्रपति और मालदीव के लोगों को गर्मजोशी से भरे आतिथ्य के लिए धन्यवाद देता हूं।

भारत-मालदीव दोस्ती अमर रहे।
दिवेही राज्जे आ इंडियागे राहमेथेरीखन अबदह्.”
-प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भारत सरकार-

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