www.positiveindia.net.in
Horizontal Banner 1

रामानुजाचार्य के स्टैचू आफ इक्वलिटी के निर्माण के लिए समाज प्रधानमंत्री मोदी का ऋणी रहेगा

-विशाल झा की कलम से-

laxmi narayan hospital 2025 ad

Positive India:Vishal Jha:
राजनीति में बैठकर धर्म और समाज के लिए रामानुजाचार्य को जनमानस में मूर्तिमान करना किसी सहज व्यक्तित्व के लिए सुगम नहीं। श्री नरेंद्र मोदी ही ऐसा कर सकते हैं। रामानुजाचार्य मानव समाज के लिए क्या थे, इतनी समझ भी किसी राजनेता को हो जाए तो बड़ी कल्याण की बात है।

रामानुजाचार्य को आत्मसात करना मानव समाज के लिए केवल सांसारिक कल्याण नहीं, अपितु परमार्थिक भी है। किसी राजनीतिक संवैधानिक पद पर बैठा कोई उत्तम से उत्तम शासक भी होगा, वह केवल मानव समाज के सांसारिक कल्याण हेतु उत्तरदाई होगा। समाज के परमार्थिक कल्याण के लिए सोचना भी कितना दुष्कर है!

ठीक उतना ही दुष्कर जितना रामानुजाचार्य समाज के किसी भी वर्ग के लिए पारब्रह्म को सुगम बनाना ठान लिया था। उन्होंने तय कर लिया था कि परमार्थ के लिए वेदांत का कल्याणकारी सूत्र गुप्त ना रह कर समाज के हर वर्ग को उपलब्ध हो।

भगवान शंकराचार्य के द्वारा स्थापित वेदांत का अद्वैत सूत्र समाज के हर वर्ग के लिए साध्य होना संभव नहीं था। रामानुजाचार्य ने भक्ति मार्ग का दर्शन जोड़कर अद्वैत को समाज के हर वर्ग के लिए सुगम कर दिया। यह कितना कल्याणकारी और क्रांतिकारी पहल है।

अद्वैत को सुगम बनाने के लिए भक्ति मार्ग का चयन ही श्री रामानुजाचार्य के लिए विशिष्टाद्वैत है। आज हमारे प्रधानमंत्री ने समाज के परमार्थिक कल्याण हेतु समता के इसी अवधारणा का उपयोग कर स्टैचू आफ इक्वलिटी का निर्माण किया है। यह मानव समाज इसके लिए श्री नरेंद्र मोदी जी का सदा ऋणी रहेगा।

साभार:विशाल झा-(ये लेखक के अपने विचार हैं)

Leave A Reply

Your email address will not be published.