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पंजाब के अराजक और हिंसक किसान किसानों के नाम पर धब्बा क्यों हैं?

-दयानंद-पांडेय-की-कलम-से-

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Positive India:Dayanand Pandey:
अनुमान है कि चुनाव आयोग द्वारा अधिसूचना जारी होने तक मोदी सरकार पंजाब के अराजक और हिंसक किसानों को बातचीत में उलझाए रहेगी। अधिसूचना जारी और बातचीत की नौटंकी समाप्त। यह पंजाब के यह हिंसक किसान(Farmer) भी चुनाव का माहौल बनाने ही आए हैं। जानते वह भी हैं कि चंद्र खिलौना उन्हें मिलने से रहा।

किसान के नाम पर धब्बा हैं यह किसान। अराजक शक्तियों के हाथ बिके हुए यह लोग देश और समाज का जितना नुकसान करते ही जा रहे हैं। कुछ मनबढ़ लोग कह रहे हैं कि किसानों को सरकार ऐसे रोक रही है जैसे पाकिस्तान की सेना को रोक रही हो। इन मूर्खों को कौन बताए कि पाकिस्तान की सेना के लिए टीयर गैस नहीं , मिसाइल और बमवर्षक विमान का इस्तेमाल होता।

फिर पाकिस्तान की हैसियत नहीं है कि वह भारत की तरफ आंख उठा कर देख भी सके। चुनाव बाद यह पंजाब के हिंसक किसान भी इस तरह का हिंसक और अराजक आंदोलन करने की हैसियत में नहीं रह जाएंगे। कभी सोच कर देखिए कि अगर हरियाणा में भाजपा सरकार नहीं होती तो किसान के नाम पर यह हिंसक आंदोलन(Andolan) दिल्ली में कितना कहर ढाता। दिल्ली और देश को बंधक बनाए हुए यह हिंसक लोग कड़ी कार्रवाई के हक़दार हैं। इन को कुचल कर रख देना चाहिए। क़ानून व्यवस्था , देश और समाज के लिए भारी ख़तरा हैं यह लोग। आंदोलनकारी कहीं बंकर बना कर ख़तरनाक़ औजारों के साथ आंदोलन करते हैं ? युद्ध जैसी तैयारियां हैं इन की। लालक़िला और आई टी ओ की इन की हिंसा देश भूला नहीं है।

साभार: दयानंद पांडेय-(ये लेखक के अपने विचार हैं)

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