Positive India:Rajesh Jain Rahi:
हम विश्व गुरु थे,
पुनः बनने जा रहे हैं,
अग्रिम बधाई…
हमारा विश्व गुरु बनने का दावा,
काफी पुख्ता है।
शुरुआत करते हैं ज्ञान से,
हमारे यहां लगभग सभी ज्ञानी हैं,
कोरोना महामारी के वक्त लगभग सभी ने,
अपने अमूल्य ज्ञान से वाट्सप को खूब सींचा।
दुनिया लोहा मान गई।
अब आते हैं सहनशीलता पर-
हमारी सहनशीलता पर दुनिया शोध कर रही है।
इस महामारी के दौरान हमने सब सहा-
पुलिस वालों पर पत्थर ,
डॉक्टरों से दुर्व्यवहार, नर्सों पर थूक।
हम सब सहते गए,
हमने उफ तक नहीं की।
निर्दोष, निहत्थे, साधुओं को,
सड़क पर मार दिया गया।
हम समाचार सुनते रहे,
कहा कुछ नहीं।
यहाँ भी हम अव्वल रहे।
अब आते हैं मेल मिलाप पर,
दुनिया घरों में दुबकी थी,
हम मिलते-जुलते रहे।
कितना लगाव है हमें एक दूजे से।
हजारों की भीड़ इकट्ठी की हमने।
कोई कर सकता है भला ?
कोरोना ने सिद्ध कर दिया-
हम काफी महान हैं।
कुछ लोग ताली पीटते रहे,
दीप जलाते रहे, सेवा करते रहे।
इनका योगदान नकारात्मक है।
इनके अंधविश्वास के कारण,
हमारा बड़ा नुकसान हुआ।
निश्चिन्त रहिये,
ज्ञान, सहनशीलता, मेलमिलाप
के बूते हम विश्व गुरु बनेंगे
धन्यवाद कोरोना।
हमें अपनी छुपी हुई शक्ति से आवगत कराने हेतु,
पुनः
कोटि- कोटि आभार।
लेखक:राजेश जैन राही, रायपुर