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शांति निकेतन महाविद्यालय के छात्र छात्राओं ने इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय में टिशू कल्चर की बारीकियों को जाना

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Positive India:Raipur:
शांति निकेतन महाविद्यालय के बायो साइंस डिपार्टमेंट के यूजी एवं पीजी के छात्र छात्राओं द्वारा इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय में पौधा संवर्धन तकनीकी एवं जैव प्रौद्योगिकी के एप्लीकेशन एवं विस्तृत जानकारी हेतु प्लांट टिशु कल्चर लैब विजिट किया गया । टिशू कल्चर लैब प्रभारी डॉक्टर एल .एस. वर्मा ने बायोटेक्नोलॉजी में उपयोग एवं व्यवसायिक खेती में उसकी उपयोगिता को छात्रों को विस्तार पूर्वक समझाया कि लैब में उचित भरण पोषण कर कल्चर मीडिया के द्वारा किस तरह से सेल, टिशू और कैलस का सवर्धन कर लैब में लाखों पौधे तैयार कर वयवसायिक खेती की जा सकती है। इसके साथ ही उन्होंने स्टेराइल तथा नौन स्टेराइल एरिया की जानकारी देकर हार्डनिग एरिया में विजिट कराया। सर्वप्रथम सटरलाइज कंडीशन मे इनक्यूबेशन कर पौधों को तैयार किया जाता है फिर उन पौधों को हार्डनिंग फेस- 1 मे कंट्रोल टेंपरेचर तथा कंडीशन मे हार्ड किया जाता है। तत्पश्चात हार्डनिंग फेस-1 से तैयार हुए पौधों को फेस -2 से गुजार कर खेतों में रोपने योग्य बनाया जाता है। इस तरह उन्नत पौधों को किया जाता है ।

Students of Shantiniketan College visited IGKV Museum
इसके साथ ही कृषि विश्वविद्यालय का म्यूजियम छात्र-छात्राओं ने विजिट किया । कृषि विश्वविद्यालय में चलने वाली तमाम गतिविधियों के साथ कई प्रजातियों के जर्मप्लाज्म , प्राचीन तकनीक से आधुनिक तकनीक तक होने वाली सभी खेती संबंधित जानकारी एवं यंत्र व औजार इस प्रयोगशाला में संरक्षित किए गए हैं। छत्तीसगढ़ में चलने वाले सभी प्रोजेक्ट के बारे डिजिटल जानकारियां इस म्यूजियम में उपलब्ध है। बायो साइंस के यूजी और पीजी के छात्रों के लिए उनके कोर्स से संबंधित प्रैक्टिकल नालेज के लिए बहुत कुछ इस म्यूजियम में है।

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इसके साथ ही सभी छात्र-छात्राओं ने इंदिरा गाधी कृषि विश्वविद्यालय मे स्थित औषधीय एवं सुगंधित पौधों का गार्डन जिसमें अश्वगंधा, सर्पगंधा, विधारा, सफेद मूसली, गिलोय ,पचोली, काली हल्दी, तेजपात, गुलाब जामुन, काली मूसली, केयोंकादा आदि कई औषधिय, जड़ी- बूटियो की नर्सरी एवं लेमन ग्रास , पामारोजा, खस ,सिट्रोनेला जैसे सुगंधित घासो की नर्सरी एवं आसवन यूनिट जिससे सुगंधित एवं औषधिय तेलों को आसवन कर निकाला जाता है। यह यूनिट 125 टन की कैपेसिटी का है।

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कृषि विश्वविद्यालय के इस विजिट मे बायो साइंस के प्रोफेसर डॉक्टर अलका मिश्रा ,उपमा सोनवानी , दीक्षा ठाकुर , तथा शबनम खान उपस्थित थी।

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