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सरकार की टीका संबंधी रणनीति उसकी घोर विफलता: प्रियंका गांधी

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पॉजिटिव इंडिया दिल्ली, 21 अप्रैल 2021

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कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने सरकार की टीका संबंधी रणनीति को ‘घोर विफल’ करार देते हुए बुधवार को कहा कि भाजपा की अगुवाई वाली केंद्र सरकार दूसरों पर जिम्मेदारी नहीं डाल सकती क्योंकि मौजूदा समय में पंडित जवाहर लाल नेहरू नहीं, बल्कि नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री हैं और भारतीय नागरिकों की रक्षा के लिए उन्हें आगे आना चाहिए।
प्रियंका ने ‘ विशेष साक्षात्कार में यह भी कहा कि संकट के समय विपक्षी दलों की ओर से दिए जा रहे रचनात्मक सुझावों को स्वीकार करने की बजाय खारिज किया जा रहा है।
उन्होंने इस बात पर जोर दिया, ‘‘राजनीति से इतर हमें साथ खड़े होना चाहिए और लोगों की जिंदगी बचाने के लिए हम जो कर सकते हैं वह करना चाहिए।’’
कांग्रेस महासचिव ने कहा, ‘‘वे (सरकार) ओछेपन में समय बर्बाद कर रहे हैं। नि:स्वार्थ भाव और स्वाभिमान के साथ देश की सेवा करने वाले एक पूर्व प्रधानमंत्री (मनमोहन सिंह) की ओर से मौजूदा प्रधानमंत्री को लिखे गए पत्र का एक मंत्री से जवाब दिलवाया जा रहा है, ऑक्सीजन की मांग बढ़ने के लिए केंद्रीय मंत्री राज्यों को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं तथा केंद्र सरकार की विज्ञप्तियों में विपक्षी दलों की राज्य सरकारों को निशाना बनाया जा रहा है।’’
प्रियंका ने यह टिप्पणी पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन द्वारा लिखे गए पत्र के संदर्भ में की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मनमोहन सिंह की ओर से भेजे गए पत्र के जवाब में हर्षवर्धन ने पत्र लिखा था और आरोप लगाया था कि कोरोना महामारी की दूसरी लहर कांग्रेस शासित राज्यों की वजह से आई है क्योंकि वे लोगों को टीका लगवाने की बजाय टीकों पर संदेह जता रहे थे।
सरकार की टीका रणनीति के संदर्भ में प्रियंका ने आरोप लगाया कि यह सरकार की ‘घोर विफलता’ है।
सभी के लिए टीकाकरण से जुड़ी कांग्रेस की मांग को लेकर प्रियंका ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि ‘प्रचार के लिए’ टीकों का निर्यात किया गया।
प्रियंका के मुताबिक, 70 साल तक आगे की सोच रखने वाली सरकारों के कारण ही आज भारत दुनिया का सबसे बड़ा टीका निर्माता है।
उन्होंने कहा, ‘‘केंद्र सरकार ने इस साल जनवरी से मार्च के दौरान छह करोड़ टीकों का निर्यात किया। तस्वीरों के साथ प्रचार-प्रसार किया गया और मॉरीशस, गुयाना और नेपाल जैसे देशों में टीके भेजी गई हैं। इस दौरान भारतीय नागरिकों को सिर्फ तीन से चार करोड़ खुराक मिली।’’
कांग्रेस की उत्तर प्रदेश प्रभारी ने सवाल किया, ‘‘सरकार ने भारतीय नागरिकों को पहले प्राथमिकता क्यों नहीं दी? प्रधानमंत्री ने खुद के प्रचार-प्रच्रार को देश से ऊपर क्यों रखा?’’
उन्होंने कहा कि 22 करोड़ की आबादी वाले उत्तर प्रदेश में सिर्फ एक करोड़ खुराक लगाई गई।
प्रियंका के अनुसार, भारत सरकार ने टीके लिए पहला ऑर्डर जनवरी, 2021 में दिया, जबकि इससे पहले विदेशी एजेंसियों ने भारतीय टीका कंपनियों से ऑर्डर दे दिए थे।
उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी सरकार में दूरदर्शिता के अभाव के चलते भारत टीकों का आयातक बन गया और आज भी ‘टीके की रणनीति त्रुटिपूर्ण और भेदभावपूर्ण’ है।
प्रियंका ने सवाल किया, ‘‘18 से 45 साल के आयुवर्ग के लोगों को मुफ्त में टीका क्यों उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है? कीमतों पर नियंत्रण किए बिना सरकार बिचौलियों को आने की अनुमति क्यों दे रही है?’’
ऑक्सीजन की मांग को नियंत्रण में रखने संबंधी केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल के बयान के बारे में पूछे जाने पर प्रियंका ने कहा कि गोयल की इस ‘निर्मम टिप्पणी’ से पता चलता है कि इस सरकार के दिल में ‘बर्बर संवेदनहीनता’ है।
ऑक्सीजन और रेमेडिसिवर जैसी दवाओं की कमी होने संबंधी खबरों को लेकर प्रियंका ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी जिन पूर्व की सरकरों को हर बुराई के लिए जिम्मेदार ठहराते हैं, उनकी वजह से ही भारत ऑक्सीजन के प्रमुख निर्माताओं में से एक देश बना।
उन्होंने कहा, ‘‘हम पर्याप्त ऑक्सीजन पैदा करते हैं। सरकार ने पूरे देश में आपूर्ति के लिए उचित साजो-सामान मुहैया नहीं कराया। उसके पास पहली लहर और दूसरी लहर के बीच का पूरा समय भी था। उसने कुछ नहीं किया।’’
उन्होंने ऑक्सीजन और रेमडेसिविर इंजेक्शन के निर्यात का उल्लेख करते हुए कहा, ‘‘पांच दिन पहले निर्यात रोका गया। क्यों? क्या वे दूसरों पर जिम्मेदारी डाल सकते हैं? जवाहरलाल नेहरू प्रभारी नहीं हैं। नरेंद्र मोदी प्रभारी हैं। उन्हें आगे आना चाहिए। वह प्रधानमंत्री हैं। भारतीय नागरिकों की रक्षा करने, उनमें सुरक्षा का भाव पैदा करने और इस लड़ाई को आगे आकर लड़ने की जिम्मेदारी उनकी है।’’

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साभार पीटीआई

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