संस्मरण”सोनम”… एक बच्ची की अपने भविष्य के लिए पढ़ाई की धुन
डॉक्टर संजय श्रीवास्तव की कलम से
Positive India: By Dr.Sanjay Srivastva: संस्मरण”सोनम”…ये संस्मरण है एक बच्ची की अपने भविष्य के लिए पढ़ाई की धुन का..सोनम परिवर्तित नाम है..उसकी लगन देख कर बहुत ज्यादा भला प्रतीत हुआ था..
उसका स्थानांतरण दन्तेवाड़ा से आयुर्वेद औषधालय दातान जिला बलौदाबाजार में हुआ था…आज 1 सितम्बर को वो बरसते पानी मे अपने दोस्त के साथ ड्यूटी जॉइन करने आया था…उसका मन औषधालय भवन देख कर उदास हो गया..अंग्रेजों के ज़माने के टूटा फूटा सा बारिश में टपकता हुआ भवन..दो कमरे..एक मे औषधालय.. एक में रहने की जगह..पीछे आंगन और टूटा हुआ बाथरूम.. “उफ्फ”उसने अपने दोस्त आशीष से कहा”अरे यार!!ये कहाँ फंस गया मैं”इससे अच्छा तो दन्तेवाड़ा में ही था..”
स्टाफ में एक फार्मासिस्ट ही थे..बस..peon का अटैचमेंट रायपुर में था…
आशीष ने कहा”अरे सर जी!जब इतना भयानक नक्सली क्षेत्र को आपने झेल लिया तो ये तो बहुत बढ़िया है..”
“पर यहां रहूँगा कैसे”?उसने कहा…”सब हो जाएगा”आशीष बोला..
“ठीक है”वो धीरे से मुस्कुरा दिया..शायद बीजापुर के सांड्रा अपनी पहली पोस्टिंग के अनुभवों को याद करके..
जॉइनिंग की सभी औपचारिकताएं पूरी करते करते करते शाम हो गयी..5 बजे दोनो मित्र वापस रायपुर निकल पड़े..भयंकर बारिश शुरू हो गयी थी…खरोरा पहुंच कर पता चला कि सारा गांव नाला ओवरफ्लो है..दोनों मित्र बूड़ेरा से आरंग रास्ते पर निकल पड़े..बनरसी नाला के पानी में बाइक घुस गई..कुछ पता ही नहीं चला..कमर तक पानी में फंस गए थे..संजय ने चिल्लाना शुरू किया..”बचाओ बचाओ!!!”एक ट्रक आया उसके मज़दूरों ने आकर उनका हाथ पकड़ा और किनारे तक पहुंचाया..बड़ी मुश्किल से वे रायपुर तक पहुंचे…
क्रमशः…..
लेखक: डॉक्टर संजय श्रीवास्तव