कैबिनेट ने अवसंरचना निवेश न्यास के माध्यम से पावर ग्रिड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया की सहायक कंपनियों की परिसंपत्तियों के मौद्रिकरण को मंजूरी दी
Positive India:RaiPur;Sep 09, 2020
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति की बैठक ने अवसरंचना निवेश न्यास मॉडल के माध्यम से विद्युत मंत्रालय के तहत एक सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम पावर ग्रिड की परिसंपत्तियों के मौद्रिकरण को मंजूरी दे दी है। यह पहली बार है जब विद्युत क्षेत्र में कोई सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम (पीएसयू) अवसरंचना निवेश न्यास मॉडल के माध्यम से अपनी परिसंपत्तियों का मौद्रिकरण करके और नए व निर्माणाधीन पूंजीगत परियोजनाओं को निधि देने के लिए आय का उपयोग करके परिसंपत्ति रीसाइक्लिंग का कार्य करेगा।
इस व्यवस्था के तहत पावर ग्रिड कार्पोरेशन को न सिफ अपने पहले की ऐसी परिसंपत्तियों बल्कि निर्माणाधीन तथा भविष्य में अधिगृहित की जाने वाली ऐसी परिसंपत्तियों के मामले में भी भारत सरकार द्वारा तय दिशा-निर्देशों और लक्ष्यों के अनुरूप अनुमति दी गई है।
पृष्ठभूमि :पावरग्रिड, भारत सरकार के विद्युत मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण के तहत एक सार्वजनिक कंपनी है, जिसने अपना व्यावसायिक संचालन वर्ष 1992-93 में शुरू किया था और आज, एक महारत्न कंपनी बन चुकी है जो बिजली पारेषण के व्यवसाय में लगी हुई है। कंपनी अपने पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनियों के साथ मिलकर शुल्क आधारित प्रतिस्पर्धी बोली प्रक्रिया के माध्यम से अधिग्रहण कर अखिल भारतीय पारेषण नेटवर्क का स्वामित्व और संचालन करती है।
2019-20 के बजट में निवेश आधारित विकास पर जोर देते हुए बिजली क्षेत्र में अवसंरचनात्मक विकास के लिए निवेश बढ़ाने हेतु अवसंरचना निवेश न्यास जैसे अभिनव वित्तीय माध्यमों की व्यवस्था किए जाने की बात कही गई थी। इसकी व्यवस्था बिजली क्षेत्र में पहले से मौजूद अवसंरचनाओं को और बेहतर बनाने के लिए की गई है।
इस मंजूरी से पावरग्रिड को चिन्हित पारेषण परिसंपत्तियों का मौद्रिकरण करने में सुविधा होगी, ताकि परिसंपत्ति मौद्रिकरण से प्राप्त होने वाली राशि का उपयोग पारेषण नेटवर्क विस्तार और कंपनी की अन्य पूंजीगत योजनाओं में नए निवेश के लिए किया जा सके और इससे उत्पन्न प्रीमियम में वृद्धि हो सके।
पहले ब्लॉक में, पावरग्रिड 7,000 करोड़ रुपये से अधिक के सकल ब्लॉक के साथ परिसंपत्तियों का मौद्रिकरण करेगा।